आदतन तुमने कर दिए वादे,
आदतन हमने एतबार किया,
तेरी राहों मे बारहा रुक कर,
हमने अपना ही इन्तजार किया,
अब न मांगेंगे ज़िन्दगी या रब,
ये गुनाफ़ हमने एक बार किया !
आदतन हमने एतबार किया,
तेरी राहों मे बारहा रुक कर,
हमने अपना ही इन्तजार किया,
अब न मांगेंगे ज़िन्दगी या रब,
ये गुनाफ़ हमने एक बार किया !
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